बलमा
बलमा
मेरे घर को मैं सुंदर सजाऊं ,
रंग बिरंगी दीपक मै जलाऊं ,
प्यार की ध्वजा फ़हरानी है मुझे ,
बलमा मेरे घर आज आ रहा है।
मन के मोर को त् त् थै नचाऊं ,
कजरारी कारी कोयल टहूंकाऊं ,
पपीहां का पियुं पियुं सूनना है मुझे ,
बलमा मेरे घर आज आ रहा है।
सोलाह श्रृंगार से मै सज जाऊं ,
मुख पर मधुर स्मित मै फ़रकाऊं ,
उसका प्यार से स्वागत करना है मुझे ,
बलमा मेरे घर आज आ रहा है।
मिलन के मधुर तराना मै गाऊं ,
प्यार से उसके दिलमें समा जाऊं ,
"मुरली" में प्यार का राग सूनना है मुझे ,
बलमा मेरे घर आज आ रहा है।

