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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

बलमा

बलमा

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मेरे घर को मैं सुंदर सजाऊं ,

रंग बिरंगी दीपक मै जलाऊं ,

प्यार की ध्वजा फ़हरानी है मुझे ,

बलमा मेरे घर आज आ रहा है।


मन के मोर को त् त् थै नचाऊं ,

कजरारी कारी कोयल टहूंकाऊं ,

पपीहां का पियुं पियुं सूनना है मुझे ,

बलमा मेरे घर आज आ रहा है।


सोलाह श्रृंगार से मै सज जाऊं ,

मुख पर मधुर स्मित मै फ़रकाऊं ,

उसका प्यार से स्वागत करना है मुझे ,

बलमा मेरे घर आज आ रहा है।


मिलन के मधुर तराना मै गाऊं ,

प्यार से उसके दिलमें समा जाऊं ,

"मुरली" में प्यार का राग सूनना है मुझे ,

बलमा मेरे घर आज आ रहा है।


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