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Dinesh Dubey

Romance

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Dinesh Dubey

Romance

तुम्ही हो

तुम्ही हो

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तुम्ही तो हो प्रिय जो मेरे,

दिल में ही बसती हो,

हर पल नए ख्वाब दिखाती हो,

हर पल नई रचनाएं रचती हो।

कभी विरह में सिसकती तो ,

कभी खुशियों में खिलखिलाती हो,

कभी अपनी सी लगती हो ,

तो कभी पराई बन जाती हो।

तुम्ही तो साथ हर पल निभाती हो,

तुम्ही तो मेरी असली महबूबा हो ,

एक बार दीदार करा दो अपना ,

अब कितना तरसाओगी ।


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