STORYMIRROR

Usha Raghav

Others

4  

Usha Raghav

Others

तजुर्बे जिंदगी के

तजुर्बे जिंदगी के

1 min
280

जिंदगी भर... जिंदगी से हमें... तजुर्बे पे तजुर्बे मिलते रहे

और हम.. तजुर्बे के मुताबिक़.. ख़ुद ही उम्र भर ढलते रहे


एक वक़्त था.. कि अपनी ही परछाई से डर जाते थे हम

और आज.. आस्तीनों में एक आध साँप पाल लेते हैं हम


जरूरत से ज्यादा.. खूबियाँ भी.. अब हमें पचती नहीं हैं

क्या करें खामियाँ भी हमको... अब कहीं जंचती नहीं हैं


जो भी पाया... जिंदगी में हमने... सब यहीं रह जाना है

और जो भी खो गया है.. साथ वो भी कहाँ ले जाना है


तजुर्बे जिंदगी के अब तुमको.. ये सिखाते हैं हर क़दम

इश्क़ विश्क़ प्यार व्यार.. सब बेकार की बातें हैं 'ऊषा'


ഈ കണ്ടെൻറ്റിനെ റേറ്റ് ചെയ്യുക
ലോഗിൻ