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Usha Raghav

Tragedy

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Usha Raghav

Tragedy

बोझ

बोझ

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धरती पर मैं बोझ बन गई

ऐसा तुमने कहा था एक दिन

सोचा न था राह ए जिंदगी

में ऐसा दिन आ जाएगा


पूरी तरह से टूट चुकी हूँ 

बिखरना बाकी रह गया है

बचे खुचे एहसासों का अब

जाना बाकी रह गया है


थोड़ा थोड़ा तुमको भी

समझाना बाकी रह गया है

अब तो मेरा इस दुनिया से 

जाना बाकी रह गया है


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