STORYMIRROR

Usha Raghav

Romance

3  

Usha Raghav

Romance

जज़्बात

जज़्बात

1 min
126

पिया मिलन की बेला है

बरसातों का मेला है

तन मन में शोले भड़काए

रिमझिम बूंदों का रेला है!


दीदार पिया का हो जाये

इस दिल की बस ये ख़्वाहिश है

पहलू में उनके दिन गुज़रे 

आग़ोश में उनकी हों हर शब!


तुम आ जाओ तो चैन मिले

दिल की धड़कन कुछ थम जाए

कर लो आलिंगन बद्ध मुझे

कि ये दिल बेताब संभल जाए!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance