STORYMIRROR

Usha Raghav

Others

4  

Usha Raghav

Others

बचपन के दिन

बचपन के दिन

1 min
290

बचपन के वो दिन, बहुत याद आते हैं

पुराने घर के हमें, आँगन याद आते हैं


दादा दादी की, कहानियाँ याद आती हैं

गली मोहल्ले की, गलियाँ याद आती हैं


दोस्तों के संग, लूडो खोखो और पोशम्पा 

खो गए वो बचपन के, दोस्त याद आते हैं


गरमी की छुट्टियों में, नाना नानी का घर

मामा की दिलाई हुई, टॉफ़ी याद आती है


सारा दिन स्कूल की वो, मस्ती याद आती है

अगले दिन मास्टरजी की, पिटाई याद आती है


रिश्तों नातों से वो भरा, परिवार याद आता है

सच में बचपन वाला घर, बहुत याद आता है!


Rate this content
Log in