महके ख़याल
महके ख़याल
एक झलक देखा था तुमको
ढलती शाम बाज़ार में
तब से नहीं है दिल मेरा
अब ख़ुद मेरे ही बस में
दिल ने की है ख़्वाहिश तेरी
पूरा इसको अब करना है
चाहे जो हो जाये अब तो
मुझको तुझसे मिलना है
जब से देखा तुझको मैंने
रहता है तेरा ही ख़्याल
तुझे सोचने भर से ही
महक जाते हैं मेरे ख़्याल।