मोहब्बत
मोहब्बत
नहीं मिलाया है जमानेने हमें,
तो दूर करनेका क्या हक है उन्हें
मोहब्बत है कोई खिलवाड़ नहीं,
मन से अपना माना है तुम्हें
प्यार है तो तकरार भी होगी,
शिकायत भी होगी कभी कभी
बस मुहं मत फेरना मुझसे,
टूट जायेंगे मेरे सपने सभी
तन और मन सौंपा है तुम्हें,
दिल भी मेरे पास नहीं है
बस इक नाम जो है मेरा,
बाकी सब कुछ तो तुम्हारा ही है।

