बारिश
बारिश


क्या कहना कल की बारिश का
जी ने चाहा उसकी लहरों में बहना
लेकिन तुम्हारी चाहत ने रोका
इश्क है तो एकसाथ झूमना
जालीम ने किया धीरे से इशारा
गिले बालोंके बुंदो को है छुना
मेरे मन की बात जो छिन ली
तुम्हारे लिये ही सजाया बुंदोका गहना
क्या कहना कल की बारिश का
जी ने चाहा उसकी लहरों में बहना
लेकिन तुम्हारी चाहत ने रोका
इश्क है तो एकसाथ झूमना
जालीम ने किया धीरे से इशारा
गिले बालोंके बुंदो को है छुना
मेरे मन की बात जो छिन ली
तुम्हारे लिये ही सजाया बुंदोका गहना