इजाज़त
इजाज़त


इजाज़त तो दो पास आने की,
और थोड़ा सा तुम्हें मनाने की।।
है खबर हमको रुठे हो तुम,
इसी लिये तो बेकरार है हम।।
दूरियाँ जो अब है तड़पाती,
रातें सारी अब है जगाती।।
तन है दूर मन तो मेरे पास है,
यही तुम्हारे होने का एहसास है ।।
इजाज़त तो दो पास आने की,
और थोड़ा सा तुम्हें मनाने की।।
है खबर हमको रुठे हो तुम,
इसी लिये तो बेकरार है हम।।
दूरियाँ जो अब है तड़पाती,
रातें सारी अब है जगाती।।
तन है दूर मन तो मेरे पास है,
यही तुम्हारे होने का एहसास है ।।