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Rinkee sinha

Romance

3  

Rinkee sinha

Romance

' सुनो प्रिय मेरे'

' सुनो प्रिय मेरे'

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सुनो प्रिय मेरे..


सपने, ख्वाहिशें सब हम ताक पर रख देते हैं

चलो छोड़ देते हैं अपनी हर बात तेरे ख़ातिर।

हमने ज़िद न किया है किसी बात का कभी

चलो अब मान भी जाओ तुम मेरे ख़ातिर।।


सुनो प्रिय मेरे..


चलो जोड़ देते हैं तेरे वही सपने तेरे ख़ातिर।

तुम जो भी कह दोगे वही सपने बुन लेते हैं

खुद को हमने तेरे ही नाम कर दिया अभी

चलो छोड़ आते हैं नाराज़गी अपने ख़ातिर।।


सुनो प्रिय मेरे...


तुम करते मनमानियां हम सह लेते हैं

हर वक़्त दुखाते हो दिल मेरा अपने ख़ातिर।

हमने एतबार किया है तुम पर फिर भी

चलो छोड़ आते हैं शिकवे सब तेरे ख़ातिर।।


सुनो प्रिय मेरे....।।



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