'काश! कैनवास हो तेरा ये दिल'
'काश! कैनवास हो तेरा ये दिल'
काश ! कैनवास हो तेरा ये दिल
रोज गढ़ू मैं नए नए भावों को
प्रतिदिन हो इश्क की भाषाएं
आओ उकेर दूं एहसास के पल
काश ! कैनवास हो तेरा ये दिल।
आओ चांदनी तले रात में हम
छत पर बाहों के आगोश में मैं
तेरे सीने पर रख के सर अपना
आओ उकेर दूं स्नेह से हर पल
काश ! कैनवास हो तेरा ये दिल।
रख कर सीने पर सर अपना
अपनी उंगलियों के नीब से मैं
बालों को सहलाती रहूं मैं तेरे
आओ उकेर दूं अपना ये पल
काश ! कैनवास हो तेरा ये दिल।
आंखों को आंखों से मिलने दो
प्यार का फूल जरा खिलने दो
अंगड़ाइ होने दो जरा जिस्म में
आओ उकेर दूं तरन्नुम सा ये दिल
काश ! कैनवास हो तेरा ये दिल।
आओ चलें कभी नदिया के तीरे
बाहों में बाहें डाल बैठ कर तीरे,
मीठे प्यार का सरगम छेड़ कर
आओ उकेर दूं मैं सुर और ताल
काश ! कैनवास हो तेरा ये दिल
कैनवास सा दिल।

