जो पूछना नहीं भूलते जो पूछना नहीं भूलते
मंद स्वर से गूंजती लय तुम्हारे मुख से निकले गीत मिलन का प्रेम हमारे नाम लिखना तुम तो एक स्नेह किता... मंद स्वर से गूंजती लय तुम्हारे मुख से निकले गीत मिलन का प्रेम हमारे नाम लिखना ...
एक अनुभूति, एक कल्पना, हर क्षण वही झंकार, एक अनुभूति, एक कल्पना, हर क्षण वही झंकार,
दर्द इतना न दो कि कोई भी दर्द, दर्द ना रहे। दर्द इतना न दो कि कोई भी दर्द, दर्द ना रहे।
परिवार संस्कारों की कार्यशाला, अभिभावक समस्या बच्चों से बढ़कर परिवार संस्कारों की कार्यशाला, अभिभावक समस्या बच्चों से बढ़कर
हाँ! बेमानी है तुम्हें ढूंढना , जग के किसी भी नज़ारे में! हाँ! बेमानी है तुम्हें ढूंढना , जग के किसी भी नज़ारे में!