हम बिना जाने सुने इस यंत्र से मित्रों की जमात को बढ़ाने की दौड़ में लग गए ! हम बिना जाने सुने इस यंत्र से मित्रों की जमात को बढ़ाने की दौड़ में लग गए !
दर्द इतना न दो कि कोई भी दर्द, दर्द ना रहे। दर्द इतना न दो कि कोई भी दर्द, दर्द ना रहे।
नए उत्साह के साथ आज हम, स्वागत कर लें नव वर्ष का। नए उत्साह के साथ आज हम, स्वागत कर लें नव वर्ष का।
नए साल पर धूप, रहे खुशियों की बिखरी। नए साल पर धूप, रहे खुशियों की बिखरी।
आदमी की तरह हर वस्तु की अपनी जन्म कुंडली और किस्मत होती है। इसलिए - हर पल को, हर आदमी की तरह हर वस्तु की अपनी जन्म कुंडली और किस्मत होती है। इसलिए - ...
पर तभी तक जब तक हम तुम्हारे तुम हमारे हो। पर तभी तक जब तक हम तुम्हारे तुम हमारे हो।