आदमी की तरह हर वस्तु की अपनी जन्म कुंडली और किस्मत होती है। इसलिए - हर पल को, हर आदमी की तरह हर वस्तु की अपनी जन्म कुंडली और किस्मत होती है। इसलिए - ...
अब इसे क्या कहें? कालाबाजारी या फिर मर चुकी इंसानियत। अब इसे क्या कहें? कालाबाजारी या फिर मर चुकी इंसानियत।
"मौत भी मुफ़लिसों को मौका नहीं देती।" बड़ी मुश्किल घड़ी थी। "मौत भी मुफ़लिसों को मौका नहीं देती।" बड़ी मुश्किल घड़ी थी।
जिंदगी की कशमकश में हम तेरा हर वक्त इंतजार करते रहे। जिंदगी की कशमकश में हम तेरा हर वक्त इंतजार करते रहे।