'' प्यार की कश्ती [ 2 ]
'' प्यार की कश्ती [ 2 ]
एक प्यारा सा अहसास हो तुम ।
हर पल रहते दिल के पास हो तुम ।।
जीने की मेरी आस हो केवल तुम ।
मेरे मन का वो सुंदर विश्वास हो तुम ।।
जीने की उम्मीद है तुझसे प्रियतम ।
दिल की खुबसुरत ख्वाईश हो तुम ।।
रूबरू है धड़कन दिल की तुमसे ।
जीवन के सच्चे मनमीत हो तुम ।।
जीवन का उल्लास हो मेरे तुम ।
जीवन का मेरे श्रृन्गार हो तुम ।।
मन हिरना सा ढुढ़ रहा तुमको ।
वो महकती हुई कस्तुरी हो तुम ।।
मेरे मनमंदिर के देव हो तुम ।
हर पल बसते सांसो में तुम ।।
पास ना रहते हो तो आंसू बन तुम ।
गिरते रहते हो नयनो से सदा तुम ।।
मेरे हाथो की लकीरो में बसते हो तुम ।
मेरे जीवन की वो मीठी झंकार हो तुम ।।
तृप्त नयन की वो सजलमयी धार हो तुम ।
महकाते हो मेरी सांसो को वो महक हो तुम ।।
सांसे जब तक हैं हम साथ है तब तक जीवन में ।
मन मयूर की वो ना कभी बुझने वाली प्यास हो ।
तेरे प्यार की कश्ती में शामिल रहूं हर पल मैं ।
तेरे प्यार में रहूं बावरी तुझपे जाऊँ वारी वारी मैं ।