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Dr. Ritu Chauhan

Romance

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Dr. Ritu Chauhan

Romance

चाहत

चाहत

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तेरे दिल के समंदर में 

बस डूब जाना चाहती हूँ 

न खुदा को न खुदाई को 

बस तुझको पाना चाहती हूँ 


तू ख़्वाबों रहे या हकीकत में 

तू काँटों में रहे या नज़ाकत में 

तुझे दिल में बसाना चाहती हूँ 

बस तुझको पाना चाहती हूँ 


तू भुला भी दे तो ग़म न होगा 

बा उम्र तड़पाए भी तो रंज न होगा 

तुझे यादों में बसाना चाहती हूँ 

बस तुझको पाना चाहती हूँ 


अब तो तम्मना दिल में यही बाकी रहे 

जाम रहे पास , तन्हाई और साकी रहे 

मैं खुद को एक रूह बनाना चाहती हूँ 

बस तुझको पाना चाहती हूँ 


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