सन्नाटे की आवाज़
सन्नाटे की आवाज़
जिन्होंने कभी सुनी नहीं सन्नाटे की आवाज़
वो क्या जानेंगे दिल में दबी आरज़ू
वो क्या सुनेंगे क्या है दिले कसक
जो कभी हुए न तुम्हारे रूबरू
छूने का एहसास भी न हो जिनको
वो न चाहेंगे कभी कि हो उनके करीब तू
गर फिर भी तू चाहेगा उनसे दिल लगाना
तो यक़ीनन सरे आम लुटेगी तेरी आबरू
जो पलट के भी न देखे तेरे जनाज़े को
उनसे कफ़न की भी न करना तू ज़ुस्तज़ू
जिन्होंने कभी सुनी नहीं सन्नाटे की आवाज़
वो क्या जानेंगे दिल में दबी आरज़ू।