STORYMIRROR

Chaitrali Dhamankar

Romance

2  

Chaitrali Dhamankar

Romance

धड़कन

धड़कन

1 min
258

बड़ी मुद्दत के बाद मिले थे 

कल हम थोड़े इत्मीनान से 

पाया था काबू जज़्बातों पे 

कैसे ये पूछो सिर्फ मेरी आँखों से।।


इक नजर देखने को तरसते हैं

देखते ही आँखों में क़ैद कर लेते हैं

जब भी देखने को जी करता है 

आँसुओं से आपकी मूरत बनाते हैं ।।


कितने भी रहोगे दूर हमसे 

हमेशा आप ही को चाहा करेंगे 

अगर कभी होंगे जुदा हमसे 

दिल की धड़कन खुद ही रोकेंगे ।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance