STORYMIRROR

Chaitrali Dhamankar

Romance

4  

Chaitrali Dhamankar

Romance

किताब का पन्ना

किताब का पन्ना

1 min
185

दूर होके भी मेरे पास हो

इसीलिये तो तुम खास हो

नजरों में नहीं दिल में हो


इसीलिये तो एहसास हो

नसीब में नहीं हर पल में हो

इसीलिये तो मेरी सांस हो


शब्दों में नहीं मेरे कविता में हो

इसीलिये तो मेरे जिने की वजह हो

मेरे किताब का हर पन्ना तुम हो


मेरे हाथों की लकीर तुम हो

धड़कन में नहीं तुम ही धड़कन हो

मेरी तो पहचान ही तुम हो


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance