किताब का पन्ना
किताब का पन्ना
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दूर होके भी मेरे पास हो
इसीलिये तो तुम खास हो
नजरों में नहीं दिल में हो
इसीलिये तो एहसास हो
नसीब में नहीं हर पल में हो
इसीलिये तो मेरी सांस हो
शब्दों में नहीं मेरे कविता में हो
इसीलिये तो मेरे जिने की वजह हो
मेरे किताब का हर पन्ना तुम हो
मेरे हाथों की लकीर तुम हो
धड़कन में नहीं तुम ही धड़कन हो
मेरी तो पहचान ही तुम हो