STORYMIRROR

Sanjay Jain

Romance

3  

Sanjay Jain

Romance

दिल पिघलता है*

दिल पिघलता है*

1 min
260


प्यार जिससे करते हो,

तो प्यार से उसे देखो।

मिलती है निगाहें उससे,

तो मिलाकर तुम देखो।

एक दिन दिल उसका, 

निश्चित ही पिघल जाएगा।

मोहब्बत का सिलसिला,

फिर शुरू हो जाएगा।।


बहुत नाजुक रिश्ता, 

होता है मोहब्बत का।

छोटी छोटी बातों का,

मतलब इसमें होता है।

जो दिल वाले इसे,

समझ जाते है।

मोहब्बत उनकी ही,

 परवान चढ़ाती है।।


रिश्तों को दिल से,  

समझने की जरूरत होती है।

मान सम्मान की इसमें,

कोई गुंजाइश नहीं होती है।

क्योंकि दो दिल और, 

एक जान का ये प्रश्न है।

इसलिए तो मोहब्बत, 

अंधी जो होती है।।




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance