इश्क की वफादारी
इश्क की वफादारी
नजर मिलाओ तो उससे मिलाओ ,
जो तुम्हारी नजर को पहचाना करे,
तुम्हारे चेहरे की भाषा समझकर,
तुमको इश्क में हमेशा डुबाया करें।
दिल मिलाओ तो उससे मिलाओ ,
जो तुम्हारी धड़कन को सूना करें ,
तुम्हारे दिल के साथ ताल मिलाकर,
इश्क के मधुर तराने गाया करें ।
दीवाना बनो तो उसका बनो,
जो तुम्हारा साया हमेशा बना रहे,
तुम्हारे सुख दुःख में साथ निभाकर,
इश्क की बसंत को महकाया करें ।
चिंता करो तो उसकी करो,
जो तुम्हारी चिंता हर पल किया करें ,
तुमको कायम दिल में बसाकर,
इश्क की अहमियत समझा करें ।
शब्द सुनाओ तो उसे सुनाओ,
जो तुम्हारी गज़ल वो लिखा करें ,
तुम्हारे इश्क की गज़ल को "मुरली",
इश्क के राग में हमेशा गाया करें ।