चाय की बात और तुम..!
चाय की बात और तुम..!
दो ही तो
बुरी लत थी मेरी
एक तुम
दूजी चाय
और अब
दोनों ही
मुझसे छूटे हैं
लगता है
दुनिया ही छुट गई
पता नहीं
पर..
कुछ तो था
जो अब रिक्त पड़ा है..!
ये चाय ना
ये चाय की लत छूटे
पर..
तुम क्यूँ हो रूठे...?
कुछ तो बोलो..!!