क्या नहीं थी लत वो माशूक की, याद में जिसकी पीया शराब समझ के पानी ? क्या नहीं थी लत वो माशूक की, याद में जिसकी पीया शराब समझ के पानी ?
नशा मेरा करते हो, नशीली आँखों को कहते हो, मुझे पीकर ही तुम अपनी, मनचाही बातों को करते हो...! नशा मेरा करते हो, नशीली आँखों को कहते हो, मुझे पीकर ही तुम अपनी, मनचाही बातों को...
फिर तुम ही क्यों इस ज़हर को गले के नीचे उतारा करते हो तूने क्या सोचा है कभी ऐ शराबी। फिर तुम ही क्यों इस ज़हर को गले के नीचे उतारा करते हो तूने क्या सोचा है क...
नशे ने फूँक दिया है जिस्म और जान है लत में तू दुनिया से अनजान ! नशे ने फूँक दिया है जिस्म और जान है लत में तू दुनिया से अनजान !