Richa Baijal

Tragedy

3  

Richa Baijal

Tragedy

सिगरेट

सिगरेट

1 min
11.3K


नशे ने फूँक दिया है जिस्म और जान 

है लत में तू दुनिया से अनजान 

जब हुई गफ़लत कभी , 

एक सिगरेट मुँह से लगा ली 

तुझे लगा फूँक दी है तीन कश में दुनिया सारी 

दुनिया तो वहीँ की वहीँ रही 

अपनी ही हस्ती ख़त्म कर ली 

एक फूंक ,और एक कश में ज़िन्दगी कंकाल कर दी !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy