Richa Baijal

Classics

4.7  

Richa Baijal

Classics

जोकर

जोकर

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दुनिया को बहुत हँसाया है 

मैंने जब कभी चेहरे पर चेहरा लगाया है 


दर्द था आँखों में और होठों पर हंसी थी 

जोकर कहकर बच्चों ने बुलाया है 


मैंने मुस्कुराकर सभी को सीने से लगाया है 

उनका दर्द भी मुझमे ' जज़्ब ' हो गया है 


मेरे चेहरे से अब चेहरा मिलता नहीं मेरा 

है ये अजनबी सा जैसे कोई लिबास का पहरा 


दिल डरता है ख़ामोशी से

कि अब सुकून है इसी ख़ामोशी में।


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