मेरी 'जान ' तिरंगा है .
मेरी 'जान ' तिरंगा है .
'आज़ादी ' की शान
मेरा वो प्यारा तिरंगा हुआ करता था
जब मैं 'बचपन ' जिया करता था
और , अब जो मैं समझदार हो गया हूँ :
'आज़ादी ' मुझे ' व्यवहार 'में भी चाहिए
'संस्कार ' में भी चाहिए
'परिवार ' में भी चाहिए
'आधार ' में भी चाहिए
कभी - कभी तो आज़ादी मुझे ' सरकार ' में भी चाहिए
तिरंगे के गर्व को भुला नहीं पाता हूँ
मैं जब भी अपने बचपन को याद करके
मुस्कुराता हूँ
वो जब तिरंगे- सा मुझे रंग दिया जाता था
और, उन तीन रंगों के सिवा मेरे विद्यालय में
और कुछ भी नज़र ना आता था !
देशभक्ति के गीत आज भी आँखें नम कर जाते हैं
हमको बचाने के लिए न जाने कितने जवान
रोज़ सरहद पर मर जाते हैं !!