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Sudha Sharma

Inspirational

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Sudha Sharma

Inspirational

महिला

महिला

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महिला

सुंदर मृगनयनी,मीनाक्षी,

और कोमलांगी, कामाक्षी।


सौम्य चन्द्रमुखी,चन्द्रकला,

मनमोहक तुझको नाम मिला।


स्वर्ण पिंजरे में समेट दिया,

तेरी स्वतंत्रता को रौंद दिया।


नाम भी तेरी पहचान न छोड़ा, 

केवल भोग्या पथ पर मोडा।


नर की बेटी,नर की भगिनी,

नर की पत्नी,नर की जननी।


 जीवन तेरा खोज आया,

तेरा अस्तित्व कहीं न पाया।


हर अपराध का कारण तू,

हर प्रतिशोध का मोहरा तू।


त्याग,बलिदान की तुझसे आशा,

दया,ममता तेरी परिभाषा।


इसीलिए कवियों ने गाया,

अबला जीवन हाय बताया।


लेकिन तूने पथ मोड़ लिया,

सभी रूढ़ियों को तोड दिया।


सबला जीवन जय तुम्हारी, 

पूरी सृष्टि पर तुम् भारी।


अबला नाम रौंद दिया है,

स्वयंसिद्ध हो सिद्ध किया है।


धरा गगन तक ध्वज लहराया,

 क्षेत्र कोई छूट न पाया।


तुम ममतामयी माता हो,

संतान की भाग्य विधाता हो।


द्विपथ की तुम अनुगामी,  

सफलता करे तेरी गुलामी।


दुर्भाग्य को नकार दिया है, 

सौभाग्य को सँवार लिया है।


घर दफ्तर में संतुलन धारा,

 दो कुलों का भाग्य संवारा।


सब धारणाएं मौन पड़ी हैं, 

अबला मूर्ति गौण खड़ी है।


सर्वोच्च पद भी नहीं अछूता, 

बम तोपों से न भयभीता।


अंबर में भी डोल रही हो, 

अंतरिक्ष रहस्य खोल रही हो।


छुई मुई से अब नाता तोड़ा,

 साहस पथ पर पग मोड़ा।


जय जय जय हो नारी शक्ति,

देव भी करते तेरी भक्ति।


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