हर्ष का त्यौहार होली
हर्ष का त्यौहार होली
इस बार होली तो हर्षा गई,
सब को मन को आज।
रंगों के त्यौहार का ,
कितना अद्भुत साज।।
यादों में बरसे बहुत,
भावों संग गुलाल।
नैनन पिचकारी थली,
होली करें कमाल।।
गुजिया पपड़ी सब बनी,
और बने पकवान।
रंग गुलाल अबीर मय,
सब होली सामान।।
इक दूजे के मल दिया,
मुंह पर खूब गुलाल।
हसरत सब पूरी हुई,
होली -पर्व कमाल।।
लाज शर्म संग रंगा,
देखो किसका गात।
फागुन भी सुन झूमता,
अलि-कलियन की बात।।
