गूंजी जयकार है
गूंजी जयकार है
चारों ओर गूंजी जयकार है
राममय हुआ आज संसार है
खत्म इंतजार नयनों का
दर्शन की फिर से छाई बहार है।
दशरथ - कौशल्या के नंदन राम
हनुमान- हृदय में बसते राम
सिया बिन अधूरे जानकी राम
जगत के पालनहार राम ।
कर्तव्य का पाठ पढ़ाते राम
पाप से धरा को मुक्त कराते राम
गुरुजनों का मान बढ़ाते राम
हर ह्रदय में बसते राजीव नयना राम
सीखकर पाठ मर्यादा पुरुषोत्तम जीवन से
संवर जाए यह मानुष तन फिर।
