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Mohini Gupta

Romance Tragedy

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Mohini Gupta

Romance Tragedy

कोहरा

कोहरा

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कोहरा ....

तेरी यादों का

 तेरे ख़्यालों का 


कोहरा......

तरसती निगाहों पर

 तकती राहों पर 


कोहरा....

बेशुमार सवालों पर,

जो रह गए अनसुलझे 


कोहरा....

तेरे मेरे इश्क़ पर

छाया है बन सन्नाटा


क्यों 

याद आती है

वो उजियारी सी सुबह

वो चेहरों पर खिलते गुलाब 


वो

बातों में अपनापन

मिलने को आतुर मन

वो सवालों की गुनगुनाहट


और फिर

 तेरा ये कहना

आप इत्मीनान रखिये 

हम शाम में फिर बरसेंगे



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