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Mohini Gupta

Inspirational

4  

Mohini Gupta

Inspirational

श्रृंगार रूप : नंद लाला

श्रृंगार रूप : नंद लाला

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देखो मेरा प्यारा नंदलाला

नटवर नागर नंद गोपाला 

अपने हाथों से आज श्रृंगार करूँ 

रेशमी गोटेदार बागा मैं पहनाऊँ 

बंशी भी देखो समीप सज रही

गले में मोती - माला चमक रही 

फिर भी यूँ चुप- चुप क्यों हो

कुछ बोलते क्यों नहीं माधव ?

मैं अनजान नासमझ ठहरी 

एक बार जरा फिर निहार लूँ 

ओहो! मैं तो भूल ही गई 

लाला के सिर पर 

मोर पंखी मुकुट नहीं पहनाया 

अरे ! तो कह देते न ,

अपनों से कैसी नाराज़गी 

लो अभी पहना देती हूँ 

बलिहारी जाऊँ कान्हा इस रूप पर

अब समझी तेरी मनमोहक सूरत का राज!

  


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