समझौता
समझौता
जिंदगी ही एक समझौता है,
बिन समझौता कुछ नही होता,
सबसे अधिक समझौता,
इंसान खुद से करता है।
मिली खुशी तो बात लिया,
गम को मन में छुपा लिया,
अच्छा हुआ तो सब हैं भागी,
बुरे जा यहां ना कोई साथी।
हर पल इंसान समझौता करता,
संघर्ष में जीवन चलता रहता,
अपनो को खुशियां देने में,
समझौते पर समझौता करता रहता।
