Praveen Gola

Inspirational

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Praveen Gola

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सर्दी की सुनसान रात में

सर्दी की सुनसान रात में

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सर्दी की सुनसान रात में,

सफेद होता आसमान,

हिमकल की बूँदें घेर रही धरा को,

देखो झूम उठा सारा हिन्दुस्तान।


रातों की ठंडक गीत गाकर बिखेरे,

एक शांति सा महौल चारों ओर,

बर्फबारी की आवाज में, 

सपनों में बहता रातों का शोर।


पूरे शहर में छाया है,

एक ठंडक और शांति का एहसास,

प्राकृतिक शांति में ही होता,

योगी - मुनियों का निवास।


चाँदनी की किरणों में, 

वृक्ष बने सुरीले ताल,

स्वभाव की लोरी सुनाये,

एक शांतिपूर्ण मन का हाल।


स्नेह पूर्ण कदम जब पड़ते,

बर्फ की सर्दी में चारों ओर,

समय की समीपता और सुंदरता,

कर देती ह्रिदय भाव - विभोर।


पग पग पर सिलसिला चलता रहता,

एक शांति की धारा को मन में संभाल,

सर्दी के इस खूबसूरत मौन में, 

सौंदर्य की कहानी बनती नया धमाल।|


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