देवी
देवी
(या देवि सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:)
हे जननी जगदम्बा, तुम ही हो शक्ति हमारी
मेरे मन हृदय में बसती, अक्षय नवधा भक्ति तुम्हारी
युगों युगों से माॅ॑ हम आते रहे, तेरे ही गुण गाते
बृह्मा विष्णु महेश, सदा तुम से ही यश पाते
जब जब मनुजता भय से काॅ॑पी, तूने उसे बचाया
माॅ॑ जग ने तुझको पाया, तूने ही जग को जाया
जिसको मिल जाती है, तेरे आंचल की छाया
शक्ति सृजन हो जाता, हो जाती निर्मल काया
तुम ही शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा की साया
कूष्माण्डा स्कंदमाता, कात्यायनी की माया
कालरात्रि महागौरी, सिद्धिदात्री की छाया
मानवता अभी कराह रही है, नहीं कोई बचाने आया
माॅ॑ व्रत वही निभाओ, युग युग जिसे निभाया
माॅ॑ महिषासुरों का मर्दन करने, एक बार फिर आ जाओ
बेसुध पड़ी मनुजता को, दान शक्ति का दे जाओ
हे जननी जगदम्बा, तुम ही हो शक्ति हमारी
मेरे मन हृदय में बसती, अक्षय नवधा भक्ति तुम्हारी।
