काली पूजा
काली पूजा
हे माँ काली, ओगिनि रूपिणी,
असुर संहारिणी, भीषण विक्राळ,
तेरे चरणों में समर्पित है मेरा भाव,
करुणा और शक्ति का है तेरा रुखाल।
तू है महाकाली, महा विनाशिनी,
तेरी ममता में छिपी है सृष्टि की नाशिनी।
अज्ञान के अंधकार से तूने उबारा,
तेरी कृपा से जीवन ने नव आकार संवारा।
तेरे घोर रुप से कम्पित है जग सारा,
तू है ममता की मूरत, और महाकाल की धारा।
असुरों का किया तूने संहार,
तेरी जय-जयकार में बजते हैं स्वर अनेक बार।
आज काली पूजा के इस पावन पर्व पर,
माँ, मेरी झोली को भर दे अपने अनुग्रह से भर।
तेरे चरणों में है प्रार्थना यही,
हमेशा साथ रहे तेरा आशीर्वाद, कभी न हो कहीं कमी।
हे माँ, दे तू मुझको साहस और धैर्य का वरदान,
तेरे संग से हो हर डर का अंत, हर दु:ख का समाधान।
तेरी पूजा से हो जीवन में उजाला,
जय माँ काली, तेरा नाम अमर रहे, हमेशा का सहारा।
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