गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पर्वत की महिमा
गोवर्धन पर्वत की महिमा अपरंपार,
कृष्ण ने दिखाया सबको, कितना है प्यार।
जब बरसे इंद्र के गाज और बाण,
तब गोवर्धन को उठाया अपने हाथों में श्री भगवान।
गाय-बछड़े, ग्वाल-बाल, सब आए पास,
श्री कृष्ण के प्रेम में हुआ सुख का आभास।
नन्हे बाल गोपाल ने दिया ऐसा सहारा,
सबने पाया विश्वास का प्यारा किनारा।
अन्नकूट की छटा, है गोवर्धन का आशीर्वाद,
इस पर्व पर सब करते हैं उसे सादर प्रणाम।
गांव में खुशी की लहर है बहती,
गोवर्धन के साथ, जीवन का सुख मिलता है अनजाना।
धरती के देवता, धरा के आधार,
हे गोवर्धन, तेरा उपकार हम सबके सर पर सवार।
आज के दिन तेरा पूजन कर, हम पाएं तेरा साथ,
तू है जीवन का संबल, तू ही हमारे विश्वास का हाथ।
गोवर्धन पूजा का यह पर्व हर्ष और उल्लास,
सिखाता है प्रेम, त्याग, और विश्वास का अहसास।
