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Chandresh Kumar Chhatlani

Inspirational

4  

Chandresh Kumar Chhatlani

Inspirational

निशान कलम के

निशान कलम के

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4

निठल्ले जब लिखेंगे तो

निठल्ले ही पढ़ेंगे।

निठल्ले के भाषणों में,

निठल्ले ही जमेंगे।


लक्ष्य लेखन का जब होगा भेदन,

हृदय मानव का तब होगा संवेदन।


ना लिखो कोई रस पाने को,

लिखो हर रस बहाने को।


ना लिखो पाने स्व मन की शांति को,

दे दो प्राण अपनी कलम-क्रांति को।


बेअसर हो ऋतु परिवर्तन तुम्हारी कलम पर,

काफी है एक ही चल रहा हो इसके दम पर।


न सोचो कि नाम तुम्हारा मूल्यवान हो,

सोचो यह कि जहां कलम के निशान हों,

रात की कालिमा भी सूर्यवान हो।



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