बुलबुला
बुलबुला
बुलबुलों का गीत अजब है
चन्द पलों का हर्ष गजब है
हवा के झोंके से झूम उठे सब
यही असल ज़िन्दगी का अदब है।
रवि - रश्मि की रोशनी में
रंगीन दुनिया की झलक है
ये बता रहा हमें बुलबुला
यही ज़मी और यही फलक है।
क्षण भंगुर जीवन में तुम जानो
उल्लास जगत का भरा हुआ है
बुलबुला पानी का हंसकर, मानो
मृत्यु के भय से ना डरा हुआ है।
ईश्वर द्वारा प्रदत्त उम्र को
उपहार समझ आह्लादित है
चुनौती को स्वीकार करता वो
उत्साह उसका न बाधित है।
अपने गीतों से करता आकर्षित
खुशियों से भरा वो सागर है
देखकर अनगिनत बुलबुले
प्रफुल्लित मन जैसे गागर है।
कुछ क्षण के जीवन में हमको
वो रंग दुनिया के दिखा रहा है
खुलकर, हंसकर, बड़े प्रेम से
हमें जीने के गुर सिखा रहा है।