अटल सत्य
अटल सत्य
है अगर सत्य ये
कि तेरा शरीर हमारे बीच नहीं,
पर अटल सत्य तो ये भी है
कि तू वक़्त का मोहताज नहीं !
तू दिल में हमारे बसा है,
तेरा वचन हमारे शरीर में बसा है।
तेरी कविताएँ भी अमर हैं,
तेरा न होना मात्र एक भरम है।
ये विश्वास की ज्वाला जलाई है
एक चिंगारी दिल में भड़काई है,
कि तुझे ना हम भूलेंगे !
है अगर ये सत्य
कि हम तुझ-से महान नहीं,
पर अटल सत्य तो ये भी है
कि हम सब तेरी संतान है !
है ईश्वर से ये प्रश्न मुझे,
क्यों हमसे छीन लिया तुझे ?
देश को आगे बढ़ते तू अपनी
आँखों से देखता !
जानते तो सब है, पर मानते
सब इसकी श्रेष्ठता !
जिम्मेदारी आती जब इन
कंधों पर, तेरा मार्गदर्शन मिलता
,
सब के प्रयासों से ही तो
उन्नति का कमल खिलता !
है अगर सत्य ये,
कि तुझे प्रेम निस्वार्थ करते है
पर अटल सत्य तो ये भी है,
कि इसे कहना नहीं
जताना पड़ता है !
है ये वचन तुझ से मेरा,
हो भले ही लाख बुराइयों ने घेरा,
पर सत्य की राह ना मैं छोडूंगा!
जो पथ तूने दिखलाया उससे
रुख ना कभी मोडूँगा।
तू आदर्श है मेरा,
था जो कभी तेरा, अब वो
स्वपन है मेरा।
मेरी सच्ची श्रद्धांजलि तुझे ये ही है,
कि जो स्वपन है उन्हें यथार्थ
बनाना है !
सिर्फ खुद तक नहीं,
यह सन्देश सब तक पहुँचाना है !
है अगर सत्य ये कि
वक़्त पर किसी का बस नहीं,
पर अटल सत्य तो ये भी है,
कि ये वक़्त हमारा है !!