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Tushar Mandhan

Others

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Tushar Mandhan

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क्या होती है माँ?

क्या होती है माँ?

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ममता की मूरत,

संतान की पूरक होती है माँ। 

नवजात की जीवक,

बच्चे की प्रथम शिक्षक,

तथा उसके जीवन की

नींवक होती है माँ। 

किशोर की दोस्त,

वयस्क की मार्गदर्शक,

मुसीबत में सहारा,

खुशी में संतान की

साथी होती है माँ। 


सब करके भी,

कुछ न चाहने वाली,

संसार की सारी

धन-दौलत से भी 

कीमती होती है माँ। 

रोने पर हँसाने वाली,

ग़लती पर समझाने वाली,

तथा सही राह दिखाने

वाली होती है माँ। 

हर शब्द कम है माँ के लिए,

क्योंकि ख़ुदा का

दूसरा रूप होती है माँ। 


बच्चे का पहला शब्द

होता है 'माँ'

चोट लगने पर वह

पुकारता है 'माँ'

हार पर व जीत पर

याद आती है माँ। 

सब भूल जाएं पर

याद रहती है माँ,

सब ठुकरा दे पर नहीं

ठुकराती कभी माँ। 


संतान चाहे न दे सम्मान,

फिर भी उसे प्यार

करती है माँ,

क्योंकि बहुत

भोली होती है माँ। 

हमेशा याद रखना

परिवार की जीवन-रेखा,

हर बुराई से उसकी

ढाल होती है माँ। 

कहते हैं ईश्वर हर

जगह नहीं हो सकता,

इसलिए उसने बनाई माँ। 

फिर भी ईश्वर से भी म

हान होती है माँ। 


कुछ भी कहो

ब्रह्माण्ड में सूरज,

रेगिस्तान में जल,

महासागर में द्वीप,

तथा हीरों में कोहिनूर

होती है माँ। 

सच में, सबसे महान

होती है माँ। 

माँ तो बस होती है माँ। 

माँ तो बस होती है माँ।।


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