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Shashi Aswal

Inspirational

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Shashi Aswal

Inspirational

निर्भर होने की जरूरत नहीं

निर्भर होने की जरूरत नहीं

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जब मैं ब्याह कर 

ससुराल में आई 

तो काफी अलग 

माहौल था वहाँ 

हमारे घर से 


जहाँ औरतों को 

बस घर तक 

सीमित रखा जाता 

उन्हें कोई लेना-देना 

नहीं होता बाहर से 


खैर हम धीरे-धीरे 

ढलना शुरू हो गए 

ससुराल में 

काम-काज, रहन-सहन 

परिवार वालों की पसंद 

सब समझ गए 


चूँकि हम स्कूल में 

पढ़ाते थे पहले से 

इन्हें बताया भी 

था पहले से 

तो किसी को कोई 

परेशानी नहीं थी 


हमने भी एक महीने 

के बाद स्कूल फिर से 

जाना शुरू कर दिया 

वैसे तो हम घर का काम 

कर कर जाते थे हमेशा 


मगर हमारी सासु माँ भी 

हमारी मदद कर 

दिया करती थी

भले ही वो घर से 

बाहर न निकली हो कभी 

पर हर चीज, हर बात का 

तोड़ होता था उनके पास  


तो वो समझती थी कि 

घर और स्कूल के काम 

में थकान हो ही जाती है 

तो काम को आधा-आधा 

बाँट कर पूरा कर लेते थे 


ऐसे ही एक दिन 

हमारे पास आ कर 

कहने लगी सीमा जरा 

संजय के बटुए से पैसे 

निकाल कर देना 


और मेरी आदत थी कि 

मैं कभी किसी से पैसे 

नहीं मांगती 

तो मैंने अपना पर्स निकला 

उसमें से पैसे निकाल कर 

सासु माँ को दे दिए 


तो वो कहने लगी कि 

सीमा तूने अपने पैसे 

क्यूँ दिए मुझे? 

संजय के बटुए से पैसे 

निकाल कर दे देती मुझे 


मैंने कहा माजी तो 

क्या हुआ मैंने दे दिए तो 

मैं भी तो आपकी 

बेटी जैसे ही हूँ 

और रही बात इनके बटुए 

से पैसे निकालने की तो 

मुझे पसंद नहीं पैसे मांगना 

या निकालना किसी के बटुए से 


पर बहू मैं तो तेरे 

ससुर जी के पर्स से 

ऐसे ही पैसे निकाल लेती हूँ 

और वो कुछ कहते भी नहीं 


तो माजी पहले की 

बात अलग थी 

जो पति के पर्स से 

निकालने पड़ते थे 

आप घर में रहती थी 

और ससुर जी कमाते थे 

आपको पैसे की जरूरत 

होगी तो उन्हीं से मांगोगे न 


अब मैं नौकरी करती हूँ 

तो मुझे जब जरूरत होगी 

मैं अपने पैसे निकाल लूंगी 

अब इनके बटुए से थोड़ी 

न निकालूंगी मैं 

अगर मैं नौकरी नहीं करती 

तो तब निकाल सकती थी 

वैसे मेरी बात बुरी लगी तो 

माफ़ी चाहूँगी 


नहीं, तूने सही कहा बहू 

हम निर्भर थे अपने पति पर 

क्योंकि वो कमाते थे 

तो उन्हीं से माँगते थे 

अब तो सभी नौकरी कर 

रहे है तो आत्मनिर्भर भी है 

किसी पर निर्भर होने की 

जरूरत ही नहीं 


जी माजी, और रही 

पैसे की जरूरत तो 

आप मुझे बोल देना 

बल्कि अब से मैं 

आपको ही दे दिया 

करुँगी पैसे 

ताकि आपको भी 

माँगने की जरूरत 

न पड़े।


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