STORYMIRROR

Shashi Aswal

Abstract Others

3  

Shashi Aswal

Abstract Others

ऐसे है मेरे भोले

ऐसे है मेरे भोले

1 min
314


देवों में इनका तृतीय स्थान

हिमालय हैं जिनका निवास स्थान

भांग धतूरा पी के

मस्त मलंग हो के

अपने ही धुन में खो के

ध्यान में मग्न हो के

ऐसे है मेरे भोले


शिवलिंग पर साधारण जल चढ़ाने

से भी खुश हो जावे

दानवों की तपस्या से भी

खुश हो जावे

मन माँगा

वर दे देवें

ऐसे है मेरे भोले


तीसरी आँख खुल जाए

तो विनाश हो जाए

शांत रूप में

धरती भी खिलखिलाए

ऐसे है मेरे भोले

कंठ हैं इनका नीला

गले में लटके साँप

सर पर सजे चाँद

शरीर पर मले विभूति

भूतों के संग रहते वो

ऐसे है मेरे भोले... 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract