Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Shashi Aswal

Abstract Others

3  

Shashi Aswal

Abstract Others

नज़र-अंदाज

नज़र-अंदाज

1 min
393


उन्हें कर दिया जाता है नज़र-अंदाज

हर रोज की भागती-दौड़ती दिनचर्या में

अपनी सुकून भरी नींद को आँखों से दरकिनार कर

आपके सुबह की जरूरतों को पूरा करने के लिए


हाँ, वो अनदेखा कर देती है अपनी सुबह की चाय को

जो बर्तन में बार-बार गरम हो के जहर बन जाती है

दिन में सबको गर्म और ताजा खाना खिला के

बासी बची दाल-सब्जी को अपना निवाला बना के


वो बना लेती है दूसरों की पसंद को अपनी

खुद की पसंद को कहीं दिल के कोने में दबा के 

उनके सपनों को अपनी आँखों में सजा कर

उन्हें पूरा करने में हर संभव कोशिश करती है


वो नजर-अंदाज होने वाली शख्सियत 

रोज हमारे सामने ही होती है

माँ, पत्नी, बहन, बेटी, दोस्त बन के

हमेशा हमारे आस-पास ही रहती है...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract