सच सोया हुआ है चुनावी वायदों का बोलबाला है। सच सोया हुआ है चुनावी वायदों का बोलबाला है।
सुखद भविष्य के सपने जल रहे हैं धूं-धूं कर....। सुखद भविष्य के सपने जल रहे हैं धूं-धूं कर....।
नहीं ढूँढ़ सकता एक नदी लाख कोशिशों के बाद भी। नहीं ढूँढ़ सकता एक नदी लाख कोशिशों के बाद भी।
प्रकृति से लेकर सबसे पूछ आये, है माँ से प्यार कहीं और तो कोई मुझे भी बताए। प्रकृति से लेकर सबसे पूछ आये, है माँ से प्यार कहीं और तो कोई मुझे भी बताए।
और उनके लिखे ढाई अक्षर ने उस दिन मैंने पूरी कर ली थी अपनी जीवन यात्रा। और उनके लिखे ढाई अक्षर ने उस दिन मैंने पूरी कर ली थी अपनी जीवन यात्रा।
हाँ, वो अनदेखा कर देती है अपनी सुबह की चाय को जो बर्तन में बार-बार गरम हो के जहर बन जा हाँ, वो अनदेखा कर देती है अपनी सुबह की चाय को जो बर्तन में बार-बार गरम हो के ...