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Pawanesh Thakurathi

Tragedy

3  

Pawanesh Thakurathi

Tragedy

जलते सपने

जलते सपने

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माँ और बेटे के बीच

रखी अंगीठी में

धूं-धूं कर जल रहे हैं सपने। 


माँ के सपने 

जो दबे हैं शराबी पिता की

झिड़कियों में 

जो उलझ गये हैं कहीं

सुबह से रात तक की दिनचर्या में। 


बेटे के सपने

जिन्हें निगल गया है

बोझ तले दबा बचपन। 

वही सुंदर सपने

सुखद भविष्य के सपने

जल रहे हैं धूं-धूं कर....। 


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