मेरा ग़म
मेरा ग़म
दफ़न होती मेरी सांसे हिसाब मांगती हैं,
और बेवफ़ा ज़िन्दगी लिहाज़ चाहती है...
इस भरे जमाने में एक तुम ही अच्छे न थे,
बुरा जमाना भी अच्छा लगा लोग अच्छे मिले...
मेरा दर्द ही कुछ बयां ऐसा है,
जमाने में हाल ए दिल जैसा है,
ज़िन्दा हूँ मैं मेरा दिल कहता है,
क्योंकि साँसो का थमने जैसा है।
छोड़ देगी एक दिन जिंदगी लिवास अपना,
लहद ए गम होगा न कोई फिर शख्स अपना...
