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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Romance Tragedy

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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Romance Tragedy

इत्तफाक जिंदगी होती है

इत्तफाक जिंदगी होती है

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कहते हैं ज़ब दिल मिलते हैं तो दिन ढलते हैं, कुछ देर और ठहर मालूम नहीं वक़्त कटते हैं..ऐसी इत्तफाक मुलाक़ातों के दिन होते है, जो जिंदगी के राज बनते बहुत हसीं होते हैं.. अभी वक़्त के साये में यूँ ही दो उदास दिल एक दूजे को समझने का प्रयास कर रहे हैं...गुजरे जमाने की बात का जो एहसास है, जैसे दर्द का दरिया ठहरा नहीं कोई उफान है... जिंदगी की राहों में दो उदास दिल बस यूँ ही मिले रहे हैं, ऐसा नहीं कह सकते कोई तो नियति का खेल है, इत्तफाक भी नहीं शायद पूर्व जन्मों का मेल है.. छूटा हो जो साथ दिलों का कभी सदियों पहले आदि में, कहीं ऐसा तो नहीं कि लिखा हो किस्मत में सदी का मेल आज में... जो कुछ भी है दो उदास दिल एक ही किताब हैं,जिसके अल्फाज़ जिंदगी में बहुत उदास हैं..और शायद मिले हैं जबसे दोनों ही ख़ुश मिजाज़ हैं..

कुछ इस तरह दो उदास दिलों की जिंदगी का फलसफ़ा है, कि वो दिल में हमारे बसकर अभिलाषाओं के समुन्द्र में खो रहे हैं..जिनके लिए ज़िन्दा हूँ मैं...और वो समझ बैठे हैं दिल का दर्द जो कभी मिले ही नहीं और तलबगार हो रहे हैं..ऐसा कुछ फलसफ़ा ज़िन्दगी का धीरे धीरे दो उदास दिलों का एक नई कहानी एक नई जिंदगी का कारवाँ बन रहा है..दौर ए मुकाम मुक़म्मल हो जिंदगी का ऐसा संकल्प दो उदास दिलों का अफसाना एक क़लम लिख़ र

हा है..जहाँ रुखसतें दिल की उदासियाँ हैं, वहीं जिंदगी में अपनों की निशानियां हैं.. परिवार है, बंधन है, विश्वास है,बन्दगी है, मगर जो दिल चाहता वो ख़ुशी वो श्रंगार जिंदगी में प्यार नहीं है..उल्फतों के साये में लिपटे दर्द की चादर के ग़म दो दिलों की एक ही नुमाइश ए अंदाज हैं.. शायद यही इत्तफाक एक नियति का खेल है कि दो अनजान दिल बहुत दूर उदासियों के साये में तस्दीक ए नजदीक हो रहे हैं.. काश बहुत पहले मिले होते तो आज बहुत ख़ुश मिजाज़ जिंदगी के रंगीन मेले होते... खैर कोई बात नहीं.. ज़ब दो उदास दिल मिल गए हैं तो एक मुकाम ए मुक़म्मल जिंदगी का ख़िताब जीयेंगे...क्योंकि अब दो उदास दिलों की उदासियां मिट रही हैं, कुछ यादें दौर ए मुकाम अफसाना बन रही हैं.. कुछ ग़म ए दिल की बातें हौले हौले होने लगी हैं, कोई शह दर्द ए दिल की जुबां समझने लगी है.. यही जिंदगी है सच की जुबां बयां हो रही है.. कागज़ ए क़लम जज्बात लिख़ रही है... दो उदास दिलों की एक ही उम्मीद है, अरमान जो रह गए दिल में, वो मुकाम बन जाएँ जग में.. ऐसे शागिर्द की तलाश दो उदास दिलों की मोहब्बत है, जो एक सच्चा दोस्त, एक साथी, एक हमसफ़र हमराज़ बन जाये...और उम्र का कोई तकाज़ा न हो ऐसा यार मिल जाये.. शायद यह जिंदगी एक दूसरे को समझने से इतिहास बन जाये...



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