चाहत!
चाहत!
जिंदगी की उतार चढ़ाव में हर राह डगर में,
तेरे साथ हर पल चलने की ख्वाहिश है मेरी।
तुम हमेशा हर पल हर दिन मेरे साथ ही रहो,
बस एक तेरे ही साथ की तो चाहत है मुझे।
जब साथ रहते हो सारी खुशियां हाजिर रहती है,
तुम्हें देख दिन गुजर जाता रातें कट जाती है।
तुम्हारी खुशियों के सिवा दिल को कुछ मंजूर नही,
बस एक तेरे ही खुशियों की तो चाहत है मुझे।
कभी खुशियां तो कभी गम का साया है,
इन सभी के बीच तेरी मुस्कान ही काफी है।
इन मुस्कान से दिल को ठंडक मिला करती है,
बस एक तेरे ही मुस्कान की तो चाहत है मुझे।
तुम मुझे इसी तरह प्यार करते रहना पल पल,
हर छोटी छोटी बातों को नजरअंदाज कर देना।
प्यार इसी तरह बरकरार रहे यही गुजारिश है
बस एक तेरे ही प्यार की तो चाहत है मुझे।
जब तुम रूठो तो प्यार से मनाऊं मैं तुम्हें,
प्यार से गले लगाकर तुझें निहारते रहूं मैं।
खुशियां बंटता रहूं तेरे हर गम के बीच मे,
बस एक तेरे ही गम हारने की चाहत है मुझे।
तुम जब साथ रहते हो मेरे तो कोई गम नही।
जब दूर कभी जाती हो तो डर लगने लगता है,
दुनिया के भीड़ भरी राहों में ठोकरें बहुत है इसलिए,
बस एक तेरे ही साथ खो जाने की चाहत है मुझे।