मेरा ग़म
मेरा ग़म
तेरा दिल तरस नहीं खाता है,
ज़ब यादों का झरोखा आता है..
उल्फ़त नहीं होती कभी कि मिलूं,
अपनों का साथ छोड़ा नहीं जाता है..
आज मेरा दिल एक ग़म का सागर है,
मेरा प्यार वफ़ा से भरा एक गागर है..
मोहब्बत में जुबां की बात नहीं होती है,
उल्फ़त में दिल का अहसास इनायत होती है...
मेरे दिल की सांसें भी अटखेलियां करती हैं,
तेरी यादों संग जीती और तेरी यादों समग मरती हैं...
